Friday 25 April 2014

मैं एक कवि की कल्पना

मैं एक कवि की कल्पना


मैं एक कवि की कल्पना
मुझे वर्तमान से क्या लेना
मैं भविश्य की मिट्टी से उपजी
आने वाले कल की संभावना हूँ
मुझे हल्के में मत लेना
की में एक ख़याल हूँ
जो अब सच होगा या कल
यह कोई ना जाने
पर मेरे अँदर छिपा है
वक़्त का पैगाम

Wednesday 23 April 2014

मैं एक कवि की कल्पना

मैं एक कवि की कल्पना

मैं एक कवि की कल्पना
मुझे वर्तमान से क्या लेना
मैं भविश्य की मिट्टी से उपजी
आने वाले कल की संभावना हूँ
मुझे हल्के में मत लेना
की में एक ख़याल हूँ
जो अब सच होगा या कल
यह कोई ना जाने
पर मेरे अँदर छिपा है
वक़्त का पैगाम