Wednesday, 3 December 2014

प्रेम के प्रलाप से

प्रेम के प्रलाप से भरा एक खत
हवा के झोंके के साथ
उड़ा जा रहा है
कोई पकड़ो उसे कि
किसके लिए है यह
मेरा पैगाम और
किसको देने जा रहा है

Thursday, 20 November 2014

मेरी पहचान

मेरी पहचान
मेरी पहचान बस  इतनी है कि
वक़्त के उन गलियारों में
पाई जाती हूँ
जहाँ आपके लिए की गयी
हर दुआ रहती है
आप रहें सलामत और
चुस्त, तन्दरूस्त, और दुरूस्त
मेरी दुआ बस इतना कहती है
9c9) प्रेम के प्रलाप से भरा एक खत

Tuesday, 12 August 2014

शराब के पैमाने स

शराब के पैमाने स भारी
आँख मेरी  छलक ना जाए
में अब भी उस उमीद से पागल हूँ
की कोई ऐसी घड़ी आये कि
आपसे मुलाकात हो जाए
इस से पहले कि
गुज़रे वक़्त कि गहराईओं में
खो जाऊं
कोई एसा वक़्त आए कि
आप के दीदार हो जायें

Wednesday, 30 July 2014

मैं शांति से मर पायूँगी

मैं शांति से मर पायूँगी

मैं शांति से मर पायूँगी
अगर पता हो की तुम्हे पता है कि
कितना प्यार मैने तुमसे किया
जब जब अमृत का प्याला तुमने पिया
तुम्हारे हिस्से का ज़हर अपने हिस्से में लिया
मैं शांति से मर पायूँगी
अगर पता हो की तुम्हे पता है कि
कितना प्यार मैने तुमसे किया
8c8) शराब के पैमाने से भारी

Friday, 2 May 2014

मेरा प्यार

मेरा प्यार
मेरा प्यार है
ना गोल ना चौकोर
समुंद्र की गहराईओं से गहरा
पर्वतों से ऊँचा
मेरा प्यार है
सीमाओं से परे

Friday, 25 April 2014

मैं एक कवि की कल्पना

मैं एक कवि की कल्पना


मैं एक कवि की कल्पना
मुझे वर्तमान से क्या लेना
मैं भविश्य की मिट्टी से उपजी
आने वाले कल की संभावना हूँ
मुझे हल्के में मत लेना
की में एक ख़याल हूँ
जो अब सच होगा या कल
यह कोई ना जाने
पर मेरे अँदर छिपा है
वक़्त का पैगाम

Wednesday, 23 April 2014

मैं एक कवि की कल्पना

मैं एक कवि की कल्पना

मैं एक कवि की कल्पना
मुझे वर्तमान से क्या लेना
मैं भविश्य की मिट्टी से उपजी
आने वाले कल की संभावना हूँ
मुझे हल्के में मत लेना
की में एक ख़याल हूँ
जो अब सच होगा या कल
यह कोई ना जाने
पर मेरे अँदर छिपा है
वक़्त का पैगाम

Friday, 21 February 2014

मैं सदा जवान रहना चाहती हूँ

मैं सदा जवान रहना चाहती हूँ

मैं सदा जवान रहना चाहती हूँ
प्यार के एहसास की तरह सुंदर
और चुस्त
ताकि हर दिन जब सूरज आए
मेरी जीवन को मेहका जाये
खिले गुलाबो की तरह
वसंत आए पर लौट कर ना जाए

Thursday, 16 January 2014

मैं तुम्हारा हूँ

मैं तुम्हारा हूँ

मैं तुम्हारा हूँ
इसका भी, ओर उसका भी
मुझे बंधनों में ना बांधो
की मैं नहीं रुक सकता बंद कमरों में
क़ैद नहीं कर सकते मुझे अंधे गलीयारों में
की मैं एक हवा का झोंखा नहीं रह सकता
बंधनों में चार दीवारों में