मेरी पहचान मेरी पहचान बस इतनी है कि वक़्त के उन गलियारों में पाई जाती हूँ जहाँ आपके लिए की गयी हर दुआ रहती है आप रहें सलामत और चुस्त, तन्दरूस्त, और दुरूस्त मेरी दुआ बस इतना कहती है 9c9) प्रेम के प्रलाप से भरा एक खत
शराब के पैमाने स भारी आँख मेरी छलक ना जाए में अब भी उस उमीद से पागल हूँ की कोई ऐसी घड़ी आये कि आपसे मुलाकात हो जाए इस से पहले कि गुज़रे वक़्त कि गहराईओं में खो जाऊं कोई एसा वक़्त आए कि आप के दीदार हो जायें
मैं शांति से मर पायूँगी अगर पता हो की तुम्हे पता है कि कितना प्यार मैने तुमसे किया जब जब अमृत का प्याला तुमने पिया तुम्हारे हिस्से का ज़हर अपने हिस्से में लिया मैं शांति से मर पायूँगी अगर पता हो की तुम्हे पता है कि कितना प्यार मैने तुमसे किया 8c8) शराब के पैमाने से भारी
मैं एक कवि की कल्पना मुझे वर्तमान से क्या लेना मैं भविश्य की मिट्टी से उपजी आने वाले कल की संभावना हूँ मुझे हल्के में मत लेना की में एक ख़याल हूँ जो अब सच होगा या कल यह कोई ना जाने पर मेरे अँदर छिपा है वक़्त का पैगाम
मैं एक कवि की कल्पना मुझे वर्तमान से क्या लेना मैं भविश्य की मिट्टी से उपजी आने वाले कल की संभावना हूँ मुझे हल्के में मत लेना की में एक ख़याल हूँ जो अब सच होगा या कल यह कोई ना जाने पर मेरे अँदर छिपा है वक़्त का पैगाम
मैं सदा जवान रहना चाहती हूँ प्यार के एहसास की तरह सुंदर और चुस्त ताकि हर दिन जब सूरज आए मेरी जीवन को मेहका जाये खिले गुलाबो की तरह वसंत आए पर लौट कर ना जाए
मैं तुम्हारा हूँ इसका भी, ओर उसका भी मुझे बंधनों में ना बांधो की मैं नहीं रुक सकता बंद कमरों में क़ैद नहीं कर सकते मुझे अंधे गलीयारों में की मैं एक हवा का झोंखा नहीं रह सकता बंधनों में चार दीवारों में