शराब के पैमाने स भारी
आँख मेरी छलक ना जाए
में अब भी उस उमीद से पागल हूँ
की कोई ऐसी घड़ी आये कि
आपसे मुलाकात हो जाए
इस से पहले कि
गुज़रे वक़्त कि गहराईओं में
खो जाऊं
कोई एसा वक़्त आए कि
आप के दीदार हो जायें
आँख मेरी छलक ना जाए
में अब भी उस उमीद से पागल हूँ
की कोई ऐसी घड़ी आये कि
आपसे मुलाकात हो जाए
इस से पहले कि
गुज़रे वक़्त कि गहराईओं में
खो जाऊं
कोई एसा वक़्त आए कि
आप के दीदार हो जायें
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